ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक इनडोर स्टेडियम में वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आगाज हो गया है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत के स...
दो बार की गोल्ड मेडलिस्ट निखत जरीन, जिन्होंने पिछली विश्व चैंपियनशिप में पदक से चूक गई थीं, इस बार तीसरा विश्व खिताब जीतने और अधिकतम रैंकिंग अंक हासिल करने के इरादे से उतरी हैं। निखत ने 2022 में इस्तांबुल और 2023 में नई दिल्ली में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
भारतीय मुक्केबाजी संघ के सचिव प्रमोद कुमार ने बताया कि भारतीय दल में 10 पुरुष और 10 महिला मुक्केबाज शामिल हैं। महिला टीम में पूर्व विश्व चैंपियन निखत जरीन (51 किग्रा), मौजूदा विश्व चैंपियन जैस्मिन लम्बोरिया (57 किग्रा), विश्व चैंपियन मीनाक्षी (48 किग्रा), दो बार की एशियाई चैंपियन पूजा रानी (80 किग्रा), पूर्व विश्व चैंपियन स्वीटी बूरा (75 किग्रा), और रजत पदक विजेता नूपुर श्योराण (80+ किग्रा) जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं।
पुरुष टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण है, जिसका नेतृत्व हितेश (70 किग्रा) और अविनाश जामवाल (65 किग्रा) कर रहे हैं, जो इस सीजन के पहले विश्व बॉक्सिंग कप चरणों के पदक विजेता भी रह चुके हैं।
चैंपियनशिप का उद्घाटन समारोह भव्य रहा, हालांकि इसमें किसी बड़े राजनीतिक चेहरे की अनुपस्थिति खली। केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हो सके। उद्घाटन में यूपी के खेल निदेशक डॉ. आर. पी. सिंह, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह और अन्य खेल अधिकारियों ने मिलकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
पहले दिन 18 देशों के 160 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों ने रिंग में अपना दम दिखाया। विभिन्न आयु वर्ग और वजन श्रेणियों के मुकाबले ड्रॉ के माध्यम से तय किए गए। पुरुष वर्ग में 50 किग्रा से 90+ किग्रा तक और महिला वर्ग में 48 किग्रा से 80+ किग्रा तक के मुकाबले होंगे।
डॉ. आर. पी. सिंह ने कहा, “यूपी में बॉक्सिंग युवाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। प्रदेश सरकार ओलंपिक पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी और भारी नकद पुरस्कार देकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है। गोल्ड मेडल विजेताओं को 6 करोड़, सिल्वर 4 करोड़ और ब्रॉन्ज 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।”
दर्शकों के लिए स्टेडियम में मुफ्त प्रवेश रखा गया है, जिससे अधिक से अधिक लोग रोमांचक मुकाबलों का आनंद ले सकें और भारतीय मुक्केबाजों का हौसला बढ़ सके। इस चैंपियनशिप से भारत में बॉक्सिंग को बढ़ावा मिलेगा और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
