झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले में तीन नाबालिग लड़कियों से कथित सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक घटना की ...
पुलिस के मुताबिक इस मामले में 12 से 17 साल की उम्र के 18 नाबालिगों के शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) और पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को किशोर सुधार गृह भेज दिया गया है।
दर्ज शिकायत के आधार पर खूंटी एसपी अमन कुमार ने बीबीसी हिंदी से पूरी घटना के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, "खूंटी जिले के एक गांव में लोटा पानी (सगाई) समारोह था। सभी लड़कियां अपने परिवार के साथ समारोह में शामिल होने गई थीं। उसी समारोह में आरोपी लड़के भी मौजूद थे।" एसपी ने कहा, "देर रात करीब 10 बजे जब पांच लड़कियां एक साथ अपने गांव लौट रही थीं, तभी यह घटना हुई। कुछ लड़के उनका पीछा करने लगे। नदी पार करते समय लड़कों ने उनके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी और पांचों को जबरन पास के जंगल में ले जाने की कोशिश की।" पांचों लड़कियों में से सबसे बड़ी ने अपनी सहेलियों को बचाने की कोशिश की। जब वह सफल नहीं हुई, तो उसने खुद को छुड़ाने के लिए एक लड़के का हाथ काट लिया और भागने में सफल रही। इस बीच एक अन्य लड़की भी वहां से भागने में सफल रही। भागने में सफल रहीं दो लड़कियां समारोह स्थल पर पहुंचीं और अपने परिवार को घटना की जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, घटना की सूचना मिलते ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक हिरासत में लिए गए लड़कों में सबसे कम उम्र का आरोपी 13 साल का है, जबकि सबसे बड़ा आरोपी 17 साल का है। वहीं पीड़ित लड़कियों की उम्र 10, 13, 15 और 16 साल बताई जा रही है। सभी अलग-अलग स्कूलों में पढ़ती हैं। खूंटी के एसपी अमन कुमार ने बताया, "पीड़ितों का बयान लेने के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया। सोमवार 24 फरवरी को देर शाम तक उनकी मेडिकल जांच की गई।" आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 126 (2), 115 (2), 109, 127 (2), 70 (2), 4/8 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। झारखंड हाईकोर्ट की वकील सोनल तिवारी के मुताबिक बीएनएस की धारा 126 (2) यानी कोई व्यक्ति किसी को गलत तरीके से कहीं जाने से रोक रहा है। इसके तहत एक महीने की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। वहीं धारा 115(2) के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाना। इसमें एक साल तक की सजा और दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
बीएनएस की धारा 109 यानी हत्या का प्रयास करने पर दस साल तक की जेल या आजीवन कारावास हो सकता है। धारा 127(2) यानी किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करना। इसके तहत एक साल तक की जेल या पांच हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। बीएनएस की धारा 70(2) यानी सामूहिक बलात्कार, इसके तहत आजीवन कारावास के साथ ही मौत की सजा भी दी जा सकती है। 4/8 पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत कम से कम दस साल या आजीवन कारावास हो सकता है। अगर अपराध 16 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ किया जाता है तो न्यूनतम सजा 20 साल या आजीवन कारावास हो सकती है।
झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शैलेश पोद्दार के अनुसार सोलह वर्ष या उससे अधिक आयु पूरी कर चुके किसी बालक द्वारा कथित जघन्य अपराध किए जाने की स्थिति में किशोर बोर्ड ऐसे अपराध करने की उसकी मानसिक व शारीरिक क्षमता, अपराध के परिणामों को समझने की उसकी क्षमता व परिस्थितियों के संबंध में प्रारंभिक आकलन करेगा। फिर जेजे एक्ट (किशोर न्याय अधिनियम) की धारा 18 की उपधारा (3) के प्रावधानों के अनुसार आदेश पारित किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड धारा 15 के तहत प्रारंभिक आकलन के बाद आदेश पारित करता है कि उक्त बालक पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाने की आवश्यकता है या नहीं। बोर्ड ऐसे अपराधों की सुनवाई करने के क्षेत्राधिकार वाले किशोर न्यायालय में मामले की सुनवाई स्थानांतरित करने का आदेश दे सकता है।
एसपी ने कहा कि पीड़ितों को सभी प्रकार की आवश्यक मदद के अलावा कानूनी मदद भी मुहैया कराई जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना में शामिल एक आरोपी दसवीं की परीक्षा दे रहा है। युवक के परिजनों ने पुलिस से उसे परीक्षा में बैठने देने का अनुरोध किया है। पुलिस ने परिवार को आश्वासन दिया है कि वे अदालत से आदेश मिलने के बाद ही इसकी अनुमति दे सकेंगे।