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एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता: पर्यावरणीय चिंताओं के बावजूद क्यों बढ़ रही है इनकी मांग?

दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। ...

दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बावजूद, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। प्रमुख और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सड़कों पर एसयूवी की संख्या तेजी से बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाएं पर्यावरण के अनुकूल छोटे वाहनों को प्राथमिकता देने की सिफारिश कर रही हैं, लेकिन बाजार में एसयूवी की मांग घटने के बजाय बढ़ रही है।

बढ़ती बिक्री के आंकड़े

ग्लोबल डेटा के अनुसार, 2024 में दुनिया भर में बेची गई कारों में से 54% एसयूवी थीं। यह 2023 की तुलना में 3% और 2022 की तुलना में 5% अधिक है। चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है, जहां 2024 में लगभग 1.16 करोड़ एसयूवी की बिक्री हुई। अमेरिका, भारत और जर्मनी भी एसयूवी की बिक्री में शीर्ष देशों में शामिल हैं।

भारत में एसयूवी की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2023 की तुलना में 2024 में एसयूवी की बिक्री में 14% की वृद्धि हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे बाजारों में एसयूवीकरण की दर यूरोप की तुलना में लगभग दोगुनी तेज़ी से बढ़ रही है।

एसयूवी की लोकप्रियता के कारण

  1. बड़ा और मजबूत डिज़ाइन - एसयूवी अपने मजबूत और बड़े आकार के कारण आकर्षक लगती हैं। इनका ऊंचा ग्राउंड क्लियरेंस और अधिक जगह यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करता है।

  2. सुरक्षा और सुविधा - एसयूवी को आमतौर पर अधिक सुरक्षित माना जाता है। इनमें आधुनिक सेफ्टी फीचर्स और ऊंची ड्राइविंग पोज़िशन होती है, जिससे ड्राइवर को सड़क का बेहतर दृश्य मिलता है।

  3. ऑफ-रोडिंग क्षमता - एसयूवी को शहर की सड़कों के साथ-साथ ऑफ-रोडिंग के लिए भी डिज़ाइन किया गया है, जिससे लोग लंबी यात्राओं और कठिन रास्तों के लिए इन्हें प्राथमिकता देते हैं।

  4. सामाजिक प्रतिष्ठा - कई उपभोक्ता एसयूवी को स्टेटस सिंबल के रूप में देखते हैं। बड़ी और महंगी कारें सामाजिक प्रतिष्ठा को दर्शाती हैं, जिससे इनकी मांग बढ़ती है।

  5. परिवार और यात्रा अनुकूलता - बड़ी फैमिली और अधिक सामान ले जाने की जरूरत के कारण लोग एसयूवी को पसंद करते हैं। यह लंबी यात्राओं के लिए भी सुविधाजनक होती हैं।

पर्यावरणीय प्रभाव और इलेक्ट्रिक एसयूवी का बढ़ता चलन

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुसार, वर्तमान में सड़कों पर चल रही 95% एसयूवी जीवाश्म ईंधन पर निर्भर हैं। ये गाड़ियां अधिक ईंधन खपत करती हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ता है। हालांकि, ऑटोमोबाइल निर्माता इलेक्ट्रिक एसयूवी पर जोर दे रहे हैं।

टेस्ला, बीवाईडी, हुंडई, टाटा और अन्य प्रमुख कंपनियां इलेक्ट्रिक एसयूवी के नए मॉडल लॉन्च कर रही हैं। कई सरकारें भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और टैक्स में छूट जैसी योजनाएं लागू कर रही हैं।

भविष्य की दिशा

भले ही एसयूवी की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन भविष्य में इलेक्ट्रिक एसयूवी और हाइब्रिड तकनीकों की ओर झुकाव देखने को मिलेगा। उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग और सरकारों की नीतियों के कारण ऑटोमोबाइल उद्योग धीरे-धीरे पारंपरिक पेट्रोल-डीजल एसयूवी से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की ओर बढ़ रहा है।

अंततः, लोगों की पसंद, सुविधा, सुरक्षा और पर्यावरणीय जागरूकता के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होगा। यदि इलेक्ट्रिक एसयूवी मुख्यधारा में आ जाती हैं, तो यह बढ़ती लोकप्रियता और पर्यावरणीय संकट के बीच का सही समाधान हो सकता है।