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सवाल: बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है, तब सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी क्या न्यायसंगत

सांसदों की सैलरी, भत्ते और पेंशन में 24% की बढ़ोतरी नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सांसदों और पूर्व सांसदों की सैलरी, भत्तों और पेंशन में 24%...

सांसदों की सैलरी, भत्ते और पेंशन में 24% की बढ़ोतरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सांसदों और पूर्व सांसदों की सैलरी, भत्तों और पेंशन में 24% की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा।

मुख्य बदलाव:

सांसदों की सैलरी – ₹1,00,000 से बढ़कर ₹1,24,000 प्रति माह
डेली अलाउंस – ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति दिन
पूर्व सांसदों की पेंशन – ₹25,000 से बढ़ाकर ₹31,000 प्रति माह
अतिरिक्त पेंशन (5+ साल के कार्यकाल पर) – ₹2,000 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति माह (प्रति वर्ष)

यह बढ़ोतरी क्यों की गई?

🔹 यह संशोधन ‘सांसदों के वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम’ के तहत किया गया है।
🔹 बढ़ोतरी कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index - CII) पर आधारित है, जिसे 1961 के आयकर अधिनियम में परिभाषित किया गया है।
🔹 2018 के बाद पहली बार सांसदों के वेतन में संशोधन हुआ है।

सांसदों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं:

📌 ₹70,000 प्रति माह का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (Constituency Allowance)
📌 हर साल 34 मुफ्त घरेलू हवाई यात्राएं (MP और उनके परिवार के लिए)
📌 अनलिमिटेड प्रथम श्रेणी (फर्स्ट क्लास) रेल यात्रा
📌 सड़क यात्रा के लिए माइलेज भत्ता
📌 50,000 यूनिट मुफ्त बिजली और 4,000 किलोलीटर मुफ्त पानी
📌 नई दिल्ली में सरकारी आवास (या हाउस रेंट अलाउंस)
📌 फोन और इंटरनेट के लिए वार्षिक भत्ता

जनता की प्रतिक्रिया:

समर्थकों की राय: सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बेहतर सेवाएं देने और बढ़ती महंगाई के साथ तालमेल बैठाने के लिए वेतन वृद्धि जरूरी थी।
आलोचकों की राय: आम जनता के लिए महंगाई राहत योजनाओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, बजाय सांसदों के वेतन और सुविधाएं बढ़ाने के।

महंगाई राहत पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत

  1. राशन और खाद्य सुरक्षा:

    • मुफ्त या सस्ते राशन की योजनाओं का विस्तार

    • सब्सिडी वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ाना

  2. ईंधन और गैस की कीमतें:

    • पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती

    • उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त या सस्ती LPG सिलेंडर की संख्या बढ़ाना

  3. रोजगार और वेतन:

    • नए सरकारी और निजी रोजगार के अवसर पैदा करना

    • न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं मजबूत करना

  4. शिक्षा और स्वास्थ्य:

    • सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाना

    • दवाइयों और इलाज पर सब्सिडी बढ़ाना

सवाल उठता है:

जब आम आदमी बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है, तब सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी क्या न्यायसंगत है?