मांडले/बैंकॉक , 28 मार्च 2025 – म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई। रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के इस भूक...
मांडले/बैंकॉक, 28 मार्च 2025 – म्यांमार और थाईलैंड में
शुक्रवार को आए भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई। रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के इस भूकंप का
केंद्र म्यांमार के मांडले के पास था, जिससे दोनों देशों में कई इमारतें गिर गईं और
सैकड़ों लोगों की जान चली गई।
म्यांमार में भारी तबाही
म्यांमार
में भूकंप से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, अब तक कम से कम 144 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
- भूकंप के कारण कई इमारतें, पुल और बांध क्षतिग्रस्त हो गए।
- मांडले, नेपीडॉ और बागो क्षेत्रों में सबसे
ज्यादा नुकसान हुआ है।
- स्थानीय प्रशासन ने छह इलाकों में
आपातकाल घोषित कर दिया है।
- राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण
बचाव दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
थाईलैंड में भी असर, बैंकॉक में इमारत गिरी
थाईलैंड
में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत ढह गई।
- इस हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग मलबे में दबे होने की
आशंका है।
- बैंकॉक में आपातकालीन सेवाओं को
तैनात किया गया है और राहत कार्य जारी है।
- थाईलैंड के कई अन्य हिस्सों में भी
भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि वहां कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
अन्य देशों में भी महसूस किए गए झटके
इस
भूकंप के झटके भारत, बांग्लादेश और चीन तक महसूस
किए गए।
- पूर्वोत्तर भारत के असम, मिजोरम और नागालैंड में भी हल्के
झटके महसूस किए गए।
- बांग्लादेश के चटगांव और ढाका में
भी लोगों में दहशत फैल गई।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सहायता
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस
भूकंप पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए भारत की ओर से हर संभव मदद देने की
बात कही है।
- संयुक्त राष्ट्र, रेड क्रॉस और अन्य मानवीय संगठनों ने
राहत अभियान शुरू करने का ऐलान किया है।
- अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ ने भी म्यांमार
और थाईलैंड को सहायता देने का प्रस्ताव दिया है।
बचाव और राहत कार्य जारी
- दोनों देशों में बचाव दल तेजी से
राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
- घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा
है और बेघर लोगों के लिए अस्थायी शिविर बनाए जा रहे हैं।
- मलबे में फंसे लोगों को निकालने के
लिए खोजी कुत्तों और ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
स्थिति
अभी भी गंभीर बनी हुई है और हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। प्रशासन और राहत
एजेंसियां लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।