दिनांक: 21 अक्टूबर 2025 जापान की संसद ने 21 अक्टूबर 2025 को सनाेए टाका इची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। य...
दिनांक: 21 अक्टूबर 2025
जापान की संसद ने 21 अक्टूबर 2025 को सनाेए टाका इची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। यह जापान के राजनीतिक इतिहास में एक ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक क्षण है, जहाँ पुरुष-प्रधान राजनीति में एक महिला ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
टाका इची ने संसद के निचले
सदन (Lower House) में 237
मतों के साथ
जीत हासिल की और जापान की 104वीं
प्रधानमंत्री बनीं।
उनके नेतृत्व में जापान की राजनीति में एक नई दिशा और नई उम्मीदों की शुरुआत हुई
है।
राजनीतिक सफर
सनाेए टाका इची का जन्म 24
मार्च 1961 को नारा
प्रांत में हुआ था। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की और राजनीति में
सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रारंभिक दौर से ही रूढ़िवादी विचारधारा को अपनाया।
1993 में पहली बार जापान की संसद (Diet) में चुनी जाने के बाद, वे कई बार कैबिनेट मंत्री रहीं — जिनमें आंतरिक मामलों और संचार मंत्री (Minister for Internal Affairs and
Communications) के रूप में उनका कार्यकाल विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।
वे लंबे समय से सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की वरिष्ठ
नेता हैं और उन्होंने पार्टी के भीतर अपनी मजबूत स्थिति बनाई है।
“आयरन लेडी” और थैचर की प्रेरणा
टाका इची ने कई मौकों पर
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को अपनी
प्रेरणा बताया है। वे थैचर की तरह दृढ़, निडर और निर्णायक नेतृत्व में विश्वास रखती हैं।
राजनीतिक हलकों में उन्हें जापान की “आयरन
लेडी” कहा जाता
है, क्योंकि
वे राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा और
आर्थिक आत्मनिर्भरता के मुद्दों पर बेहद कठोर रुख रखती हैं।
विचारधारा और नीतियाँ
टाका इची एक कट्टर राष्ट्रवादी और रूढ़िवादी विचारधारा
की समर्थक हैं।
उनकी प्रमुख नीतियाँ इस प्रकार हैं:
·
जापान की रक्षा क्षमता को मज़बूत बनाना और संविधान के अनुच्छेद 9 में संशोधन का समर्थन।
·
विदेश
नीति में चीन
के प्रभाव को संतुलित करने और अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर बल।
·
आव्रजन (Immigration) पर सख्त
नियंत्रण और जापानी “संस्कृति-पहचान” की रक्षा।
·
महिलाओं
की भागीदारी और “परंपरा के साथ आधुनिकता” की नीति को बढ़ावा देना।
राजनीतिक संकट और गठबंधन
प्रधानमंत्री बनने से पहले
उन्हें कई राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा।
उनकी पार्टी LDP का
पुराना गठबंधन सहयोगी Komeito Party ने
अक्टूबर 2025 की
शुरुआत में 26 साल
पुराना गठबंधन तोड़ दिया।
इसके बाद टाका इची ने तेजी से कदम उठाते हुए Japan Innovation Party (Ishin) के साथ
नया गठबंधन बनाया, जिससे
उन्हें संसद में आवश्यक समर्थन प्राप्त हुआ।
यह कदम उनके राजनीतिक कौशल
और निर्णायक नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
चुनौतियाँ
सनाेए टाका इची की राह आसान
नहीं है।
उन्हें अब जापान के सामने खड़ी कई बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा —
·
आर्थिक
मंदी और बढ़ती
महंगाई,
·
बुजुर्ग
होती जनसंख्या और
श्रमिकों की कमी,
·
युवा
वर्ग में असंतोष,
·
और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि
वे इन संकटों को कुशलता से संभाल पाती हैं, तो वे न केवल जापान की राजनीति बल्कि विश्व स्तर पर महिला नेतृत्व का
नया उदाहरण पेश करेंगी।
निष्कर्ष
सनाेए टाका इची का
प्रधानमंत्री बनना जापान के इतिहास में एक मील का पत्थर है।
उन्होंने न केवल “काँच की छत” (Glass Ceiling) को तोड़ा
है, बल्कि यह
भी दिखाया है कि कठोर और निर्णायक नेतृत्व में महिलाएँ भी सफलता का नया अध्याय लिख
सकती हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा
कि जापान की यह “आयरन
लेडी” देश को
किस दिशा में ले जाती हैं — क्या वे
पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़कर जापान को नई आर्थिक और राजनीतिक ऊँचाइयों पर पहुँचा
पाएँगी, या उनके
कठोर निर्णय विवादों को जन्म देंगे।